आज के इस दौर में किसी भी प्राणी को उसका औकात बोध होना बहुत ही जरूरी है
और अगर को किसी को अभी तक नही हुआ है तो मै उसे अभी तत्काल सलाह दूंगा
की अभी से अपनी औकात जानने के लिए प्रयासरत हो जाये वरना विश्वास करना,
गलत फहमी बड़ी नुकसान दायक होती है और आप को मानसिक पीडा, जिसे दिल को ठेस
पहुँचना भी कहते है कभी भी हो सकती है। और इसमें सबसे पहले ये पता लगाना चाहिये की तुम्हारी औकात तुम्हारे
जानने वालो में कितनी है। चाहे उसके लिए कोई भी युक्ति अपनानी पड़े। हो सकता
है मेरे आज के ब्लॉग से बहुत से लोगो को आपत्ति हो पर मेरी ये बात किसी हद तक तर्कयुक्त है और इस बात की सच्चाई का प्रमाण लेना हो तो उनसे ले जो मेरे या आप के साथी लोग अपने दोस्तों या परिवार गण इत्यादि पर बहुत अभिमान करते थे पर एक पल में जब उनका अभिमान चूर चूर हो गया तब उन्हें अपनी औकात का असली वाला बोध हुआ। इसी लिए मैने आज सोचा की क्यों न अपनी औकात का बोध समय रहते कर लिया जाये ताकि यतार्थ में ख़ुशी खशी जिया जा सके नही तो जब कोईओर हमे हमारी औकात का बोध कराएगा तो हमे बेपनाह दर्द होगा था और हम उस दर्द को किसी को बता भी नही सकते हमे चुप चुप सहना पड़ेगा बस। अपनी औकात जानने की प्रक्रिया में सभी को शामिल करना ही समझदारी है दोस्त, भाई, बहन परिवार , कुछ और खाश लोग सभी को आज़माना चाहिए समय समय पर। दरअसल फेसबुक के प्रेमियों के लिए ये बात और भी जोर शोर से लागू होती है इस आभासी दुनिया ने लोगो को गलत फहमी में रहना सीखा दिया है। वो सोचते है की वो बहुत बड़े सामाजिक है पर क्या वास्तव में है? जबाब सभी को मालूम है। खेर मै इस फेसबुक वाली आफत से कोसो दूर हूँ पिछले २ साल से । क्योंकि में नही चाहता की मुझे ये भी बताना पडे आज मैने क्या खाया और किस तरफ देखा और क्या पहना ? मानो साला फेसबुक न हुई मोहल्ले क सभी रिटायर बूढों की चौपाल हो गयी सब कुछ उन्हें बताना जरूरी है।और जहाँ तक बात है मेरी औकात की एक ब्लोगर होने क नाते बहुत दिन पहले ही जान गया था की कुछ को छोड़ सबकी नज़र में फालतू ही तो हूँ। और किसी से ज्यादा उम्मीद में रखता नही । धोखा कभी भी मिल सकता है इस के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ पता नही कहाँ कौन धोखे और अपमान से नवाज़ दे । और हमे, हमारी औकात भी हमारे कुछ कथित साथियों ने ही बतायी। तहे दिल से धन्यवाद उन सभी का । वरना न जाने कितने दिन और गलत फहमी में जीते । आप को भी यही सलाह है दोस्तों। जिसे अजमाना है समय रहते अजमा लो वरना आगे होने वाले किसी भी दुःख के तन ही जिम्मेदार रहोगे । हो सकता है आज का मेरा ब्लॉग सभी को नकारात्मक लगे पर सच्चाई है दोस्तों। यहाँ अधिकतर लोग स्वार्थी है। इस लिए अगर अभी से यतार्थ में जीने की आदत डाल ली जाये तो आसानी है होगी । और ये ब्लॉग मेरे साथ हुई किसी घटना का जबाब या भडास नही है बस एक आप सभी को मुफ्त की नसीहत है। क्योंकि मै मानता हूँ आज के दौर में जो ये जनता है कि उसकी औकात कितनी है वो हो सबसे बड़ा ज्ञानी है कम से कम वो यतार्थ में रह कर अपनी औकात के हिसाब से कुछ कर तो सकता है
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