अभी गर्मी की सुरुआत भी नही हुई है की बिजली ने अपना असली रूप दिखाना सुरु कर दिया है अभी जब मच्छरों से कुश्ती कर रहा हूँ बिजली के इंतजार में, तो दीमाग में आया की भई चलो कुछ लिख दिया जाये। .
अक्सर मुझे , जहाँ कही भी सायरी सुनने या पढने को मिल जाती है वही पर उसे अपने दिल में संजोने की भरपूर कोशिश करता हूं पर पर मेरी कमज़ोर याददास्त हर बार मुझे धता बता के मेरे सब मनसूबा पे पानी देती है पर फिर भी कुछ पंक्तियाँ मैं याद करने में कामयाब रहा हूँ जो की मैने अपने कुछ जानने वालो से सुनी
हैं या प्राप्त की हैं sms इत्यादि से। और मैं इन्हें तरह - 2 के लोगो के सामने पेश करके अपने आप को एक मंजे हुए सायर की
तरह पेश करने का नाकामयाब ढोंग करता रहता हूँ आज कुछ पंक्तिया आप लोगो के
सामने पेश है गोर फरमैयेगा ..............
मै तो शेर सुना कर अकेला खडा रहा।
और सभी अपने - 2 चाहने वालो में खो गये।
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रोना न कभी माँ के सामने 'सौरभ'.
वो कहते है ना की जहाँ बुनियाद हो वहाँ ज्यादा नमी अच्छी नही।
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तमाम उम्र तेरा इंतज़ार कर लेंगे
मगर ये रन्ज रहेगा की जिन्दगी कम है
मगर ये रन्ज रहेगा की जिन्दगी कम है
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भूलें हैं रफ्ता रफ्ता तुम्हे मुददतो में हम।
किस्तों में ख़ुदकुशी करने मज़ा हम से पूछिये
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चुप हो गये अश्को को मेरे देख कर वो लोग।
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वो इस गुमान में रहते है की हम उनको, उन से मांगे।
और हम इस गुरुर में रहते है की हम अपनी ही चीज क्यों मांगे।
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मिली है मेरे ही नाम से तेरे नाम को सोहरत.
वरना मेरी कहानी से पहले तुझे जानता ही कोन था.
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समझते हैं हर बात का वो उल्टा मतलब।
इस बार मिलेंगे तो कह देंगे हाल बहुत अच्छा है.
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इस बार मिलेंगे तो कह देंगे हाल बहुत अच्छा है.
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एक समुन्दर है जिसके पार जाना है और एक कतरा है जो हम से संभाला नही जाता।
एक उम्र है जो बितानी है उनके बिन और एक लम्हा है जो हम से काटा नही जाता।
सौजन्य- अरविन्द जी , मनोज जी , सुनील , मुन्नवर जी
Badhiya h but something are not easy to understand me like first two lines,
जवाब देंहटाएंCan You help me to get it?
Waise baki sab excellent h... :)
nice
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